ई-पुस्तकें >> कटी पतंग कटी पतंगगुलशन नन्दा
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एक ऐसी लड़की की जिसे पहले तो उसके प्यार ने धोखा दिया और फिर नियति ने।
''जी हां आजकल मुझे नींद नहीं आती।''
''लेकिन ये गोलियां लेना कोई अच्छी आदत नहीं है-और फिर जब तक मैं आपका ब्लड टेस्ट न कर लूं, ये गोलियां नहीं दी जा सकतीं।''
''क्या इनके इस्तेमाल में कोईं खतरा है?''
''खतरा ही नहीं, जान का खतरा है। अगर आठ-दस गोलियां एकसाथ ले ली जाएं तो आदमी जान से हाथ धो बैठता है।''
''आपने ठीक कहा डाक्टर! डिप्टी साहब की मौत इन्हीं गोलियों से हुई है।''
''क्या लाला जगन्नाथ की?''
''जी-और यह वही शीशी है जो उनके घर में पाई गई है।''
''लेकिन आप-?'' डाक्टर ने किंचित संदिग्ध नजरों से कमल की ओर देखा।
''घबराइए नहीं-मैं कोई पुलिस का आदमी नहीं हूं। इसी इलाके का एक फारेस्ट आफीसर हूं-कमल नाम है मेरा।''
''लेकिन इस सिलसिले में मैं क्या कर सकता हूं?''
''मेरी सहायता।''
''वह कैसे?''
''यह बताकर कि शबनम कौन है?''
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