लोगों की राय

ई-पुस्तकें >> कह देना

कह देना

अंसार कम्बरी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :165
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9580
आईएसबीएन :9781613015803

Like this Hindi book 3 पाठकों को प्रिय

278 पाठक हैं

आधुनिक अंसार कम्बरी की लोकप्रिय ग़जलें


४०

शायर हूँ कोई ताज़ा ग़ज़ल सोच रहा हूँ


शायर हूँ कोई ताज़ा ग़ज़ल सोच रहा हूँ
फुटपाथ पे बैठा हूँ महल सोच रहा हूँ

गुज़रे जो तेरे साथ वो पल सोच रहा हूँ
ये वक़्त भी जायेगा निकल सोच रहा हूँ

क्या होगा मेरे देश का कल सोच रहा हूँ
उलझा है जिस सवाल का हल सोच रहा हूँ

मस्जिद में पुजारी हो तो मंदिर में नमाज़ी
हो किस तरह ये फेर-बदल सोच रहा हूँ

ये वक़्त तो मुश्किल से मेरे हाथ लगा है
ये हाथ से जाये न फिसल सोच रहा हूँ

उस फूल से बदन को कहूँ क्या मैं बताओ
जूही, गुलाब, बेला, कमल सोच रहा हूँ

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book