ई-पुस्तकें >> फ्लर्ट फ्लर्टप्रतिमा खनका
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जिसका सच्चा प्यार भी शक के दायरे में रहता है। फ्लर्ट जिसकी किसी खूबी के चलते लोग उससे रिश्ते तो बना लेते हैं, लेकिन निभा नहीं पाते।
22
हफ्ते की आखिरी रात करीब 1.20 पर।
सेन्टर आने से पहले मैं अपना बैग पैक कर के आया था। इसी सुबह मुझे मुम्बई के लिए निकलना था। कैफेटेरिया में हम सभी रोज की तरह बातें करते, अपने टी.एल. का मजाक बना रहे थे लेकिन कोमल को बस अपना खाना खत्म करने की जल्दी थी।
बहुत जल्द हम सबको वजह भी पता चल गयी।
जैसे ही उसने आखिरी निवाला निगला, उसका नया दोस्त, जो काफी देर से हम सबको दूर खड़ा ताक रहा था, उसके पास आया।
उसकी लाल आँखें, नशीली चाल देखकर समझ आ रहा था कि वो सॉफ्ट ड्रिंक्स पर यकीन नहीं रखता। उसने कुछ और ही पिया हुआ था।
वो कोमल के कान में कुछ फुसफसाया और चला गया।
‘मैं अभी आती हूँ।’
कोमल खड़ी हो गयी। सभी ने फार्मलिटी के साथ मुस्कुरा कर उसे इजाजत दे दी लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सका। मैं समझ नहीं पा रहा था कि आखिर ये लड़की करना क्या चाहती है? कोमल फूड काउन्टर पर किसी काम से गयी तो मैंने शोभा से ही पूछ लिया।
‘ये क्या कर रही है?’
‘वो अजय के साथ राइड पर जा रही है।’
‘रात के डेढ़ बजे? ये कोई वक्त है सुनसान सडकों पर भटकने का?’
‘वो अकेली तो नहीं है ना? कोई है उसके साथ जो उसका ध्यान रख सकता है।’
‘हाँ और ये बात और कि अभी वो अपना ही ख्याल रखने की हालत में नहीं हैं। है ना?’
शोभा निवाला चबाते हुए कुछ देर मुझे ताकती रही। उसे भी समझ नहीं आ रहा था कि मैं ऐसा क्यों कह रहा हूँ? कुछ देर मुझे ऐसे ही देखते रहने के बाद-
‘तुम हो क्या यार अंश? तुम उसे चाहते नहीं अब अगर वो किसी और के साथ जा रही है तो जाने दे ना? इसमें तेरा तो कोई नुकसान नहीं है न?
बात मेरे नफे नुकसान की नहीं है लेकिन अजय इस ऑफिस का सबसे घटिया लड़का है।
ये हम सब जानते हैं।
तो तुम रोकते क्यों नहीं उसे? मेरी आवाज थोड़ी उठ गयी।
क्योंकि कोमल जो इस वक्त कर रही है ना वो बेस्ट है फिलहाल उसके लिए। वो शादी नहीं करने वाली उससे! शोभा की आवाज भी उठ गयी वो बस अपना ध्यान बाँट रही है।
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