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फ्लर्ट

प्रतिमा खनका

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :609
मुखपृष्ठ : Ebook
पुस्तक क्रमांक : 9562
आईएसबीएन :9781613014950

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जिसका सच्चा प्यार भी शक के दायरे में रहता है। फ्लर्ट जिसकी किसी खूबी के चलते लोग उससे रिश्ते तो बना लेते हैं, लेकिन निभा नहीं पाते।

कुछ दो मिनट में हम उसके सामने थे। नगों से जडा, गहरे हरे रंग का बुटीक कारस बैक एम्बैलिस्ट पहले दूधिया सी लड़की। यामिनी, तारों भरी रात! वो सच में ऐसी ही थी।

उस पर नजर पडने के बाद मैं सुन ही नहीं सका कि समीर क्या बड़बड़ा रहा है? मैं तो तब अपने हवाश में लौटा जब उसने अपनी सुरीली सी आवाज में बोलना शुरू किया।

‘मैं जानती हूँ कि ये दोनों ही बेहतर हैं। विनय, इन दोनों को तो हम सब शुरू से नोटिस कर रहे हैं, दिस वन इज वैरी गुड!’ उसका इशारा मेरी तरफ था। ये बात समीर को थोड़ी-सी चोट पहुँचा गयी। यामिनी को विनय ने थोड़ा टोका।

‘यामिनी जी! असल में, मैं चाहता था कि इन दोनों का आप थोड़ा ध्यान रखें।’ उसने हाथ मलते हुए कहा।

‘देखो इसमे ध्यान रखने की कोई बात ही नहीं है, जिसको सिलेक्ट होना होगा वो हो जायेगा। हमें कम से कम तीन लोग चाहिये जिनको हम प्रेजेन्ट कर सकें। और ये, क्या नाम है इनका ये.... अंश। वैसे मुझे ऐसा कहना तो नहीं चाहिये लेकिन आपका जाना तो लगभग तय हो चुका है। बस आप ऐसा ही परफार्म करो जैसा आपने अब तक किया।’

‘और यामिनी ये समीर?’ विनय ने पूछा।

‘देखो विनय। समीर आपका भाई है इसका लिहाज मैं कर सकती हूँ लेकिन बाकी और दो लोगों का क्या करोगे? समीर इज ऑलसो गुड बट अंश मैं.....। ही इज क्वाईट टॉल, बॉर्ड एण्ड अट्रैक्टिव! एक्चुअली मॉडलिंग में हमें सिर्फ फेस नहीं चाहिये होता, वी ऑलसो नीड ए पर्सनेलिटी, वी नीड एन ऐटीटूयूट, कान्फिडेन्स! यू शुड फेस द कैमरा लाईक मिरर ! एक दो पार्टीसिपेन्टस ऐसे और हैं जिनकी परफार्मेन्स बहुत अच्छी है, हमें उनका भी ध्यान रखना होगा न?’

यामिनी ने हम दोनों को बस गुड लक विश किया और चली गयी।

समीर और विनय के बीच फिर थोड़ी कानाफूसी हुई और आखिर में उसने हमें तैयार होकर नीचे पहुँचने को कह दिया।

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