ई-पुस्तकें >> फ्लर्ट फ्लर्टप्रतिमा खनका
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जिसका सच्चा प्यार भी शक के दायरे में रहता है। फ्लर्ट जिसकी किसी खूबी के चलते लोग उससे रिश्ते तो बना लेते हैं, लेकिन निभा नहीं पाते।
‘आई एम सॉरी।’ अपने होठों को दाँतों तले दबाते हुए मैंने अपनी हँसी रोकी। कोशिश की कि मैं भी थोड़ा संजीदा दिखायी दूँ। ‘मैंने आप दोनों को पहले समझाया तो था लेकिन आप दोनों तो पहले ही काफी चतुर हैं इस तरह के मसले हल करने में।’
‘मतलब आज तुझे भी मौका मिल गया है मुझे सुनाने का... है ना?’ उसने एश-ट्रे में सिगरेट मसल दी।
‘अब मैं और नहीं सम्हाल सकता! लोग, मीडिया, डॉली, सोनाली, मिस्टर राय....आई जस्ट!’ बालों के बीच उँगली फँसाकर वो चुप हो गया।
‘तुमने सोनू से बात की इस बारे में?’
उसने नजरें उठाकर मेरी तरफ देखा।
‘उसने कोशिश की थी लेकिन राय को उस पर भी पूरा भरोसा नहीं है।’
‘मतलब?’
‘सारे मतलब समझ आ जायेंगे, एक बार जाकर उसका कमरा देख ले बस। दीवार का रंग नहीं दिखता इतनी तस्वीरें लगी हैं तेरी। उसका बाप उस पर तो सख्ती कर नहीं पा रहा, हमें सुखा रखा है टेन्शन दे देकर!’
‘क्या बेवकूफी है!’
‘उसे लगता है कि हम सोनाली के क्रेज को इस्तेमाल कर रहे हैं।’ उसके जबड़े तन से गये।
‘कोई भी यही सोचेगा।’ मैंने खुद में ही कहा। संजय तक मेरी बात नहीं पहुँची।
उस वक्त वो बहुत चिढ़ा हुआ था। मैं समझ सकता था कि वो हालात को सम्हाल सम्हाल कर थक चुका है। हाँलाकि मैं इस वक्त संजय से बता सकता था कि सोनू के लिए मेरे मन में असलियत में क्या है लेकिन बताया नहीं, न जाने उसकी क्या प्रतिक्रिया होती? मैं कहने ना कहने की उलझन में था। क्या होगा अगर उसे मेरे प्यार पर भरोसा न हुआ?
मैं कहने से पहले सोच रहा था और आखिरकार एक टूटते से यकीन के साथ-
‘अगर मैं कहूँ कि... व्हाट इफ आई लव हर?’ मैंने पूरे साहस के साथ ये बात कही लेकिन निराशा मेरी आवाज में तब भी थी।
कुछ पलों को तो वो अपलक मुझे ताकता रह गया और फिर अचानक हैंगर से अपना कोट झटक कर निकालते हुए-
‘ठीक उसी तरह जैसे और लड़कियों से किया?’
ठीक वही जवाब जिसकी मैं उम्मीद कर रहा था।
उसने कड़वाहट के साथ अपना लैपटाप पैक किया। वो मेरे कहे हर लफ्ज से नाराज था, शायद मैं किसी से भी प्यार करने का हक गँवा चुका था। उसने दोबारा मेरी तरफ देखा तक नहीं। अब तो मैं भी अपने कहे पर शर्मिन्दा था।
संजय दरवाजे तक पहुँचा और एक बार फिर उसी नाराजगी के साथ-
‘सोनाली अभी यहाँ आने वाली है, मैंने ही बुलाया था। उससे बात करो हो सकता है कोई रास्ता निकल आये।’ वो तेज डग भरता हुआ निकल गया।
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