ई-पुस्तकें >> फ्लर्ट फ्लर्टप्रतिमा खनका
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जिसका सच्चा प्यार भी शक के दायरे में रहता है। फ्लर्ट जिसकी किसी खूबी के चलते लोग उससे रिश्ते तो बना लेते हैं, लेकिन निभा नहीं पाते।
‘तुम कभी-कभी सोचकर भी बात कर लिया करो!’ मैंने गिलास एक तरफ रखा और गाड़ी की चाबी लेकर चलने लगा।
‘अंश!’ उसने मुझे रोका। मेरे कदम एक पल को रुक भी गये और-
‘हजार तरीके पड़े हैं अगर मुझे यामिनी से कोई चिढ़ ही निकालनी होती तो। उसे इस काम से न तो कोई खास फायदा होने वाला है और न नुकसान। मैं यामिनी से अपने पर्सनल मैटर पर्सनली निपटा सकता हूँ, उसके लिए मुझे तुम्हारे काम को बीच में लाने की जरूरत नहीं है।’
मेरा सारा सुरूर उतर चुका था। बेहतर यही था कि मैं वहाँ और ना रुकूँ। संजय ने भी मुझे और रोकने की कोशिश नहीं की। मैं वापस लौट रहा था लेकिन जैसे ही अपनी गाड़ी के पास पहुँचा, मुझे उसकी कॉल आ गयी। वो डॉली को ये मौका देने को तैयार हो गया।
इस तरह मेरी तरफ से डॉली को अपनी जिन्दगी का पहला ऐसा मौका मिला जिससे वो रन-वे मॉडल से सुपर मॉडल में बदल गयी। उसने काफी लम्बा सफर एक ही छलाँग में तय कर लिया। हालाँकि इस पर मुझे इतनी मेहनत करनी पड़ी जितनी मैंने जिन्दगी में किसी भी चीज पर नहीं की थी लेकिन उसने भी मेरी मेहनत को सफल कर दिया। अब वो वाकई किसी मुकाम पर थी लेकिन कहते हैं ना कि कामयाबी पाने से ज्यादा मुश्किल है उसे सम्हालना।
डॉली में यामिनी की लगभग सारी खूबियाँ थी, सिवाय एक ईमानदारी के। ये डॉली की जिन्दगी का सबसे अच्छा दौर था क्योंकि उसके पास प्यार, पैसा और नाम सब कुछ था। इन सब में से उसने सबसे पहले अपना प्यार खोया, यानि मुझे।
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