लोगों की राय

ई-पुस्तकें >> असंभव क्रांति

असंभव क्रांति

ओशो

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :405
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9551
आईएसबीएन :9781613014509

Like this Hindi book 5 पाठकों को प्रिय

434 पाठक हैं

माथेराम में दिये गये प्रवचन

वहाँ भी वही घेरा था, वहाँ बच्चों की चिता करनी पड़ती थी, यहाँ शिष्यों की चिंता करता है। वहाँ भी झगड़े थे, बच्चों के हल करने पड़ते थे, यहाँ हल करता है शिष्यों के। बदल क्या जाता है? बदल कुछ भी नहीं जाता। लेकिन यह अध्यात्म, यह पुराना अध्यात्म बिलकुल थोथा है। इस थोथे अध्यात्म ने जीवन को बहुत दुःख पहुँचाए। प्रार्थना करनी चाहिए परमात्मा से कि किसी दिन इस थोथे अध्यात्म से छुटकारा हो जाए, ताकि सही अध्यात्म का जन्म हो सके। और उसके लिए किसी का कोई विरोध नहीं हो सकता। हर एक उसका स्वागत करेगा, क्योंकि वह तो आनंद को लाने वाला गीत है। वह तो आनंद को लाने वाला संगीत है। वह तो आनंद को लाने वाला नृत्य है।

वह तो जीवन को खुशी और मुस्कुराहटों से भर देगा, आंसुओं से नहीं।


और प्रश्न रह गए हैं वह मैं रात बात करूंगा। दोपहर की यह बैठक समाप्त हुई।

साधना-शिविर
माथेरान, दिनांक 21-10-67, दोपहर

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book