कविता संग्रह >> अंतस का संगीत अंतस का संगीतअंसार कम्बरी
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मंच पर धूम मचाने के लिए प्रसिद्ध कवि की सहज मन को छू लेने वाली कविताएँ
क्या करना है
कल कर लेना कल की बातें
आज बताओ क्या करना है
तुम हो बातों के सौदागर
हम खालीपन से ऊबे हैं
तुमको पता नहीं है शायद
अपने क्या-क्या मंसूबे हैं
नागफनी सा चुभना है या
हरसिंगार जैसा झरना है
कल कर लेना कल की बातें
आज बताओ क्या करना है
जल तो केवल जल होता है
चाहे मीठा हो या खारा
चाहे नदी कहीं से निकले
सागर को खोजे हर धारा
जल भरना है गागर में या
आँखों में सागर भरना है
कल कर लेना कल की बातें
आज बताओ क्या करना है
सादे चित्र छोड़ दूँ या फिर
रंग भरूँ इनमें किरनों का
कस्तूरी बाँटूं जन-जन में
या अनुकरण करूँ हिरनों का
कोई अब तक समझ न पाया
क्या जीना है, क्या मरना है
कल कर लेना कल की बातें
आज बताओ क्या करना है
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