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आराधना
आराधना
प्रकाशक :
सरल प्रकाशन |
प्रकाशित वर्ष : 2011 |
पृष्ठ :100
मुखपृष्ठ :
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पुस्तक क्रमांक : 8338
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आईएसबीएन :0 |
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जीवन में सत्य, सुंदर को बखानती कविताएँ
भरी तन की भरन
भरी तन की भरन
जगत उस कुए की,
परी उतरी तरन।
दो घड़े, काँख, कर,
कन्धे पड़ी रसर,
चली अपनी डगर,
देखने की सरन।
देहली नाघ कर,
दहलीज के उधर,
घनौची पर सुधर
घड़े रक्खे बरन।
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