|
अतिरिक्त >> आराधना आराधनासूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
|
248 पाठक हैं |
||||||
जीवन में सत्य, सुंदर को बखानती कविताएँ
ज्योति प्रात, ज्योति रात
ज्योति प्रात, ज्योति रात,
ज्योति नयन, ज्योति गात।
ज्योति चरण, ज्योति चाल,
ज्योति विटप, आलबाल,
ज्योति सलिल, ज्योति ताल,
ज्योति कलश, ज्योति पात।
ज्योति प्रथम प्रिय-दर्शन,
ज्योति कम्प, आकर्षण,
ज्योति मिलन, शम वर्षण,
ज्योति नियम, ज्योति जात।
¤ ¤
|
|||||
अन्य पुस्तकें
लोगों की राय
No reviews for this book








