अतिरिक्त >> आराधना आराधनासूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
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जीवन में सत्य, सुंदर को बखानती कविताएँ
अशरण-शरण राम
अशरण-शरण राम,
काम के छवि-धाम।
ऋषि-मुनि-मनोहंस,
रवि-वंश-अवतंस,
कर्मरत निश्शंस,
पूरो मनस्काम।
जानकी-मनोरम,
नायक सुचारुतम,
प्राण के समुद्यम,
धर्म धारण श्याम।
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