अतिरिक्त >> आराधना आराधनासूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
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जीवन में सत्य, सुंदर को बखानती कविताएँ
नील नयन, नील पलक
नील नयन, नील पलक;
नील वदन, नील झलक।
नील-कमल-अमल-हास,
केवल रवि-रजत भास,
नील-नील आस-पास,
वारिदे-नव-नील छलक।
नील-नीर-पान-निरत
जगती के जन अविरत,
नील नाल से आनत,
तिर्यक-अति-नील अलक।
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