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आराधना

सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला

प्रकाशक : सरल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2011
पृष्ठ :100
मुखपृष्ठ :
पुस्तक क्रमांक : 8338
आईएसबीएन :0

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जीवन में सत्य, सुंदर को बखानती कविताएँ



पल-प्रकाश को शाश्वत कर


पल-प्रकाश को शाश्वत कर!
हरित् हृदय पर मन्द उतर!

आँखों में चितवन, चित में सित
अमृत, अधर में सुधा-धार-स्मित,
पग में गीत, जय-जीवन वाञ्छित;
अलख अकिञ्चन कर डम्बर!

निखिल पलक देखें अस्मित-तन,
दृग भावों के वारि-विमोचन;
हृदय-हृदय में नन्दन-स्पन्दन;
हर नश्वर, दे सत्त्व अमर!

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