कहानी संग्रह >> 27 श्रेष्ठ कहानियाँ 27 श्रेष्ठ कहानियाँचन्द्रगुप्त विद्यालंकार
|
0 |
स्वतंत्रता प्राप्ति के कुछ आरंभिक वर्षों की कहानियाँ
घोरा के इस पार रहते थे चतुरा और चन्नन और उस पार रहती थी गुलाबी। गुलाबी
का पिता नदी के किनारे पर स्थित मुरलीमनोहर के मन्दिर का आंगन धोता और
चारों तरफ की फूलों की क्यारियों को सींचता था। गुलाबी मन्दिर की सीढ़ियों
से उतर कर चाहे जहां चली जाती, पर वर्षा ऋतु में जब घोरा का पानी एक-एक
सीढ़ी कर मन्दिर के आंगन तक चला जाता, तो वह मन्दिर की वंदिनी हो जाती और
उसका दम घुटने लगता।
|
लोगों की राय
No reviews for this book