कहानी संग्रह >> 27 श्रेष्ठ कहानियाँ 27 श्रेष्ठ कहानियाँचन्द्रगुप्त विद्यालंकार
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स्वतंत्रता प्राप्ति के कुछ आरंभिक वर्षों की कहानियाँ
पानी बरसते में ही तलाक की कार्रवाई जल्दी-जल्दी की गई। तलाक की क्रिया के
निभाने में न तो अधिक समय लगना था और न कुछ वैसा खर्च।
मेंढ़क-मेंढ़की दोनों छोड़ दिए गए। दोनों उछल कर इधर-उधर हो गए।
परन्तु पानी का बरसना बन्द न हुआ। बाढ़ पर बाढ़ और जनता के कष्टों का
वारापार नहीं।
गांव छोड़-छोड़कर लोग इधर-उधर भाग रहे थे। एक-दो के मन में आया कि नावता मिल
जाए, तो उसका सिर फोड़ डालें।
परन्तु नावता कहीं नौ-दो-ग्यारह हो गया।
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