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			 ई-पुस्तकें >> शिव पुराण 4 - कोटिरुद्र संहिता शिव पुराण 4 - कोटिरुद्र संहिताहनुमानप्रसाद पोद्दार
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भगवान शिव की महिमा का वर्णन...
अध्याय ३२-३३
घुश्मा की शिवभक्ति से उसके मरे हुए पुत्र का जीवित होना, घुश्मेश्वर शिव का प्रादुर्भाव तथा उनकी महिमा का वर्णन
सूतजी कहते हैं- अब मैं घुश्मेश नामक ज्योतिर्लिंग के प्रादुर्भाव का और उसके माहात्म्य का वर्णन करूँगा। मुनिवरो! ध्यान देकर सुनो। दक्षिणदिशा में एक श्रेष्ठ पर्वत है जिसका नाम देवगिरि है। वह देखने में अछूत तथा नित्य परम शोभा से सम्पन्न है। उसी के निकट कोई भरद्वाज कुल में उत्पन्न सुधर्मा नामक ब्रह्मवेत्ता ब्राह्मण रहते थे। उनकी प्रिय पत्नी का नाम सुदेहा था, वह सदा शिवधर्म के पालन में तत्पर रहती थी, घर के काम-काज में कुशल थी और सदा पति की सेवा में लगी रहती थी। द्विजश्रेष्ठ सुधर्मा भी देवताओं और अतिथियों के पूजक थे। वे वेदवर्णित मार्ग पर चलते और नित्य अग्निहोत्र किया करते थे। तीनों काल की संध्या करने से उनकी कान्ति सूर्य के समान उद्दीप्त थी। वे वेद-शास्त्र के मर्मज्ञ थे और शिष्यों को पढ़ाया करते थे। धनवान् होने के साथ ही बड़े दाता थे सौजन्य आदि सद्गुणों के भाजन थे। शिव सम्बन्धी पूजनादि कार्य में ही सदा लगे रहते थे। वे स्वयं तो शिवभक्त थे ही, शिवभक्तों से बड़ा प्रेम रखते थे। शिवभक्तों को भी वे बहुत प्रिय थे।
यह सब कुछ होनेपर भी उनके पुत्र नहीं था। इससे ब्राह्मण को तो दुःख नहीं होता था, परंतु उनकी पत्नी बहुत दुःखी रहती थी। पड़ोसी और दूसरे लोग भी उसे ताना मारा करते थे। वह पति से बार-बार पुत्र के लिये प्रार्थना करती थी। पति उसको ज्ञानोपदेश देकर समझाते थे, परंतु उसका मन नहीं मानता था। अन्ततोगत्वा ब्राह्मण ने कुछ उपाय भी किया, परंतु वह सफल नहीं हुआ। तब ब्राह्मणी ने अत्यन्त दुःखी हो बहुत हठ करके अपनी बहिन घुश्मा से पति का दूसरा विवाह करा दिया। विवाह से पहले सुधर्मा ने उसको समझाया कि 'इस समय तो तुम बहिन से प्यार कर रही हो; परंतु जब इसके पुत्र हो जायगा, तब इससे स्पर्धा करने लगोगी।' उसने वचन दिया कि मैं बहिन से कभी डाह नहीं करूँगी। विवाह हो जाने पर घुश्मा दासी की भांति बड़ी बहिन की सेवा करने लगी। सुदेहा भी उसे बहुत प्यार करती रही। घुश्मा अपनी शिवभक्ता बहिन की आज्ञा से नित्य एक सौ एक पार्थिव शिवलिंग बनाकर विधिपूर्वक पूजा करने लगी। पूजा करके वह निकटवर्ती तालाब में उनका विसर्जन कर देती थी।
						
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