ई-पुस्तकें >> परशुराम की प्रतीक्षा परशुराम की प्रतीक्षारामधारी सिंह दिनकर
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रामधारी सिंह दिनकर की अठारह कविताओं का संग्रह...
(3)
गरज कर बता सबको, मारे किसी के
मारेगा नहीं हिन्द-देश
लहू की नदी तैर कर आ रहा है
कहीं से कहीं हिन्द-देश।
लड़ाई के मैदान में चल रहे ले के
हम उसका उड़ता निशान,
खड़ा हो, जवानी का झण्डा उड़ा,
ओ मेरे देश के नौजवान !
(4)
अहा ! जगमगाने लगी रात की
माँग में रौशनी की लकीर,
अहा ! फूल हँसने लगे, सामने
देख, उड़ने लगा वह अबीर।
अहा ! यह उषा होके उड़ता चला
आ रहा देवता का विमान ;
खड़ा हो जवानी का झण्डा उड़ा,
ओ मेरे देश के नौजवान !
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