आचार्य श्रीराम शर्मा >> जागो शक्तिस्वरूपा नारी जागो शक्तिस्वरूपा नारीश्रीराम शर्मा आचार्य
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नारी जागरण हेतु अभियान
समाज सेवा
इन दिनों नारी के सामने समाज सेवा का कोई स्पष्ट चित्र, रूप या कार्यक्षेत्र नहीं है। इसलिए इच्छा रहते हुए भी कुछ कर नहीं पाती। शिक्षा पर्याप्त हो गई, विवाह का योग नहीं बना, खाली समय काटना अखरा। बस वे अध्यापिका जैसी कोई नौकरी कर लेती है और फिर कुछ कमाने का चस्का पड़ जाने से तथा एक ढर्रा पड़ जाने से वे उसी क्रम को अंत तक अपनाये रहती है। शिक्षा का यह कोई श्रेष्ठ सदुपयोग नहीं है।
जिनके घर में पैसे की तंगी है, वे नौकरी करें, तो बात समझ में आती है। फिर जिन्हें इस प्रकार की कोई विवशता नहीं है, गुजारे में कठिनाई नहीं है, उन्हें नौकरी की ओर नहीं, नारी सेवा जैसे जीवन को धन्य बनने वाले महान् कार्य की ओर आकर्षित होना चाहिए। आज के आपत्ति धर्म को देखते हुए अपनी सुख-सुविधाएँ इसी महान् प्रयोजन के लिए समर्पित करनी चाहिए।
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