आचार्य श्रीराम शर्मा >> गायत्री प्रार्थना गायत्री प्रार्थनाश्रीराम शर्मा आचार्य
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गायत्री प्रार्थना
॥ जयघोष ॥
गायत्री माता की - जय।
यज्ञ भगवान की - जय।
वेद भगवान की - जय।
सत्य सनातन धर्म की - जय।
भारतीय संस्कृति की - जय।
भारत माता की - जय।
परम पूज्य गुरुदेव की - जय।
वन्दनीया माताजी की - जय।
१- एक बनेंगे - नेक बनेंगे।
२- हम सुधरेंगे - युग सुधरेगा।
३- हम बदलेंगे - युग बदलेगा।
४- विचार क्रांति अभियान - सफल हो, सफल हो, सफल हो।
५- हमारी युग निर्माण योजना - सफल हो,सफल हो, सफल हो।
६- हमारा युग निर्माण सत्संकल्प - पूर्ण हो, पूर्ण हो, पूर्ण हो।
७- ज्ञान यज्ञ की लाल मशाल - सदा जलेगी, नहीं बुझेगी।
८- ज्ञान यज्ञ की ज्योति जलाने - हम घर-घर में जाएँगे।
९- नया समाज बनाएँगे - नया जमाना लाएँगे।
१०- नया सबेरा, नया उजाला - इस धरती पर लाएँगे।
११- जन्म जहाँ पर-हमने पाया, अन्न जहाँ का-हमने खाया, वस्त्र जहाँ के-हमने पहने, ज्ञान जहाँ से-हमने पाया, वह है प्यारा-देश हमारा।
१२- देश की रक्षा कौन करेगा - हम करेंगे, हम करेंगे।
१३- धर्म की रक्षा कौन करेगा - हम करेंगे, हम करेंगे।
१४- युग निर्माण कैसे होगा - व्यक्ति के निर्माण से।
१५- माँ का मस्तक ऊँचा होगा - त्याग और बलिदान से।
१६- मानव मात्र - एक समान।
१७- नर और नारी - एक समान।
१८- जाति, धर्म सब - एक समान।
१९- गंदे चित्र लगाओ मत - माता को लजाओ मत।
२०- नारियो जागो - अपने को पहचानो।
२१- जागेगी भई जागेगी - नारी शक्ति जागेगी।
२२- अनाचार का अंत हो - दहेज प्रथा बंद हो।
२३- नित्य सूर्य का ध्यान करेंगे - अपनी प्रतिभा प्रखर करेंगे।
२४- सावधान - नया युग आ रहा है।
२५- इक्कीसवीं सदी - उज्ज्वल भविष्य।
२६- इक्कीसवीं सदी का आध्यात्मिक केन्द्र - शांतिकुंज हरिद्वार।
२७- धर्म की जय हो - अधर्म का नाश हो।
२८- प्राणियों में - सद्भावना हो।
२९- विश्व का - कल्याण हो।
३०- वन्दे-वेदमातरम्। वन्दे-देवमातरम्। वन्दे-विश्व मातरम् ।
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