आचार्य श्रीराम शर्मा >> गायत्री प्रार्थना गायत्री प्रार्थनाश्रीराम शर्मा आचार्य
|
0 5 पाठक हैं |
गायत्री प्रार्थना
आरती गायत्री माता की
जयति जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता।
आदि शक्ति तुम अलख निरंजन जग पालन कर्त्री।
दुःख, शोक, भय, क्लेश, कलह दारिद्र्य दैन्य हर्त्री॥
बह्म रूपिणी, प्रणत पालिनी, जगत् धातृ अम्बे।
भवभयहारी, जनहितकारी, सुखदा जगदम्बे॥
भय हारिणि भव तारिणि अनघे, अज आनन्द राशी।
अविकारी, अघहरी, अविचलित, अमले, अविनाशी॥
कामधेनु सत्चित् आनन्दा, जय गंगा गीता।
सविता की शाश्वती शक्ति तुम सावित्री सीता॥
ऋग्, यजु, साम, अथर्व प्रणयिनी, प्रणव महामहिमे।
कुण्डलिनी सहस्रार, सुषुम्ना शोभा गुण गरिमे॥
स्वाहा, स्वधा, शची, ब्रह्माणी, राधा, रुद्राणी।
जय सतरूपा वाणी, विद्या, कमला कल्याणी॥
जननी हम हैं दीन हीन, दुःख दारिद के घेरे।
यदपि कुटिल कपटी कपूत, तऊ बालक हैं तेरे॥
स्नेह सनी करुणामय माता चरण शरण दीजै।
बिलख रहे हम शिशु सुत तेरे दया दृष्टि कीजै॥
काम, क्रोध, मद, लोभ, दम्भ, दुर्भाव, द्वेष हरिए।
शुद्ध बुद्धि, निष्पाप हृदय, मन को पवित्र करिए॥
तुम समर्थ सब भाँति तारिणी, तुष्टि पुष्टि त्राता।
सत मारग पर हमें चलाओ, जो है सुखदाता॥
जयति जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता।।
|