आचार्य श्रीराम शर्मा >> गायत्री की असंख्य शक्तियाँ गायत्री की असंख्य शक्तियाँश्रीराम शर्मा आचार्य
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गायत्री की शक्तियों का विस्तृत विवेचन
अणिमा द्विगुणाधारा
अणिमा, लघिमा, महिमा आदि जो ऋद्धि-सिद्धियाँ हैं, उन चमत्कारी मानवीय गुणों की विशेषताओं का मूल आधार गायत्री ही है। अष्टसिद्धि, नव-निधि जिन्हें उपलब्ध करके मनुष्य विभिन्न क्षेत्रों पर अपना आधिपत्य स्थापित कर लेता है और उनका इच्छित उपयोग करके देवताओं जैसे बल एवं ऐश्वर्य का अधिकारी बनता है, वे ऋद्धि-सिद्धियाँ गायत्री शक्ति पर ही आधारित हैं। सिद्धि साधना के मार्ग पर चलने वाले योगियों का अनादिकाल से एकमात्र आधार गायत्री ही रही हैं। अन्य साधनाओं द्वारा अस्थायी एवं हलकी-सी ही सफलता किसी साधक को भले मिली हो, पर चिरस्थायी और सर्वांगपूर्ण सिद्धियाँ तो केवल गायत्री के द्वारा ही संभव हुई हैं और हो सकती हैं।
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