आचार्य श्रीराम शर्मा >> गायत्री की असंख्य शक्तियाँ गायत्री की असंख्य शक्तियाँश्रीराम शर्मा आचार्य
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गायत्री की शक्तियों का विस्तृत विवेचन
अपराजिता
वह किसी से भी पराजित नहीं होतीं। संसार का कोई बड़े-से-बड़ा असुर, पाप, संकट, विघ्न या मनुष्य ऐसा नहीं जो गायत्री को चुनौती दे सके। उससे अधिक प्रबल सिद्ध हो सके, उसे पराजित कर सके। उचित रूप से साधना की हुई गायत्री संकटों को भी पछाड़ती-परास्त करती हैं, स्वयं कभी पराजित या परास्त नहीं होतीं।
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