आचार्य श्रीराम शर्मा >> गायत्री की असंख्य शक्तियाँ गायत्री की असंख्य शक्तियाँश्रीराम शर्मा आचार्य
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गायत्री की शक्तियों का विस्तृत विवेचन
इंदुरूपिणी
इंदुरूपिणी-चंद्रमा के समान रूप वाली। चंद्रमा को शांति और शीतलता का, प्रेम और सौंदर्य का देवता माना गया है। इसकी ज्योत्सना भी इन्हीं गुणों वाली है। गायत्री में भी ऐसी ही विशेषताएँ हैं। जिस प्रकार शरद्पूर्णिमा की चाँदनी पृथ्वी पर अमृत छिड़क देती है उसी प्रकार गायत्री की पुण्यमयी किरणों के लिए जिस साधक ने अपने है। चंद्र-चकोर की प्रीति प्रसिद्ध है, आत्मा भी जिस प्रीति की प्यासी है वह दिव्य प्रेमधारा गायत्री के द्वारा ही उसे प्राप्त होती है। समस्त मंत्र नक्षत्रों के बीच गायत्री चंद्रमा के समान अपनी सर्वश्रेष्ठता के साथ सुशोभित है।
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