आचार्य श्रीराम शर्मा >> बिना मोल आफत दुर्व्यसन बिना मोल आफत दुर्व्यसनश्रीराम शर्मा आचार्य
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दुर्व्यसनों की समस्या
अण्डे खाना
कुछ महानुभाव अण्डे खाने में जीव हत्या नहीं समझते, फल से उसकी तुलना किया करते हैं। वास्तव में अण्डा हितकारी नहीं है। अण्डे खाने से पाचन तंत्र में सड़न उत्पन्न हो जाती है। इस सड़न से एक प्रकार के नशे-सी स्थिति पैदा होती है। इससे जी मिचलाता है, सर दर्द, मुँह में दुर्गन्धि आना तथा दूसरी ऐसी अन्य बीमारियाँ उत्पन्न हो जाती हैं। जितना दूध, बादाम, मूंगफली खाने पर आमाशय में पाचक रस बनता है, उतना अण्डे के प्रोटीन से नहीं बनता। अण्डे की कच्ची सफेदी पर पाचक रसों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता और दूसरे भोजनों के पचने में भी रुकावट उत्पन्न होती है।
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