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आचार्य श्रीराम शर्मा >> बिना मोल आफत दुर्व्यसन

बिना मोल आफत दुर्व्यसन

श्रीराम शर्मा आचार्य

प्रकाशक : युग निर्माण योजना गायत्री तपोभूमि प्रकाशित वर्ष : 2020
पृष्ठ :60
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 15476
आईएसबीएन :00000

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दुर्व्यसनों की समस्या

सट्टा, जुआ, लाटरी


सट्टा, जुआ, लाटरी द्वारा कमाई गई आमदनी भी चोरी-डकैती की तरह अनैतिक ही है।

हराम का धन पाने और उसके सुखोपभोग की आकांक्षा न तो नैतिक है और न प्रकृतिपरम्पराओं के अनुरूप। इस दिशा में जिसने प्रयास किया, उसे निराशा-पश्चाताप और खीझ के सिवाय और कुछ हाथ नहीं लगा।

फलता-फूलता वही धन है, जो परिश्रम और ईमानदारी के साथ कमाया जाए। स्थिरता और सत्परिणाम उत्पन्न करने की क्षमता भी उसी में होती है।

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