लोगों की राय

आचार्य श्रीराम शर्मा >> बिना मोल आफत दुर्व्यसन

बिना मोल आफत दुर्व्यसन

श्रीराम शर्मा आचार्य

प्रकाशक : युग निर्माण योजना गायत्री तपोभूमि प्रकाशित वर्ष : 2020
पृष्ठ :60
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 15476
आईएसबीएन :00000

Like this Hindi book 0

5 पाठक हैं

दुर्व्यसनों की समस्या

गंदे साहित्य पठन


अशील और गंदा विषय-भोग संबंधी साहित्य वैसा ही घातक है, जैसा भले-चंगे व्यक्ति के लिए विष। नयी उमर में जब मनुष्य को जीवन और जगत् का अनुभव नहीं होता, वह अशीलता की ओर प्रवृत्त रहता है। यौवन के उन्माद की आँधी में गंदा साहित्य सोयी हुई काम वृत्तियों को कच्ची आयु में उद्दीप्त कर देता है। आज जिधर देखो उधर उत्तेजक चित्र, वासना संबंधी हलके प्रेम की कहानियाँ, अशील उपन्यास, विज्ञापन इत्यादि छप रहे हैं। गंदे साहित्य उपन्यास इत्यादि नीति धर्म का शत्रु है। यह पशुत्व की अभिवृद्धि करता है। समाज में इससे आध्यात्मिकता का लेश भी न रहने पायेगा।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai