नई पुस्तकें >> रौशनी महकती है रौशनी महकती हैसत्य प्रकाश शर्मा
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‘‘आज से जान आपको लिख दी, ये मेरा दिल है पेशगी रखिये’’ शायर के दिल से निकली गजलों का नायाब संग्रह
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इसलिये अपना दिल जलाते हैं
इसलिये अपना दिल जलाते हैं
रौशनी हो तो लोग आते हैं
हो गया ख़्वाब, ख़्वाब का आना
अब तो बस चौंक-चौंक जाते हैं
सिर्फ़ पाने को जादुई काग़ज़
क़स्में बच्चों की लोग खाते हैं
जिसके उठने से आप गिर जाएँ
ऐसी दीवार क्यूँ उठाते हैं
राह तारीक़ है तो क्या ग़म है
हौसले मेरे जगमगाते हैं
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