नई पुस्तकें >> रौशनी महकती है रौशनी महकती हैसत्य प्रकाश शर्मा
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‘‘आज से जान आपको लिख दी, ये मेरा दिल है पेशगी रखिये’’ शायर के दिल से निकली गजलों का नायाब संग्रह
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बोलना था जिनको वो सब डर के मारे चुप रहे
चाबुकों का शोर था, पर ज़ख़्म सारे चुप रहे
चाबुकों का शोर था, पर ज़ख़्म सारे चुप रहे
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