नई पुस्तकें >> रौशनी महकती है रौशनी महकती हैसत्य प्रकाश शर्मा
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‘‘आज से जान आपको लिख दी, ये मेरा दिल है पेशगी रखिये’’ शायर के दिल से निकली गजलों का नायाब संग्रह
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गुज़रे लम्हे तो ला नहीं सकता
ईद का चांद ले के आया हूँ
कौन है वो जो मेरे साथ-साथ मरता है
इतनी शिद्दत से मुझे कौन याद करता है
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