नई पुस्तकें >> रौशनी महकती है रौशनी महकती हैसत्य प्रकाश शर्मा
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‘‘आज से जान आपको लिख दी, ये मेरा दिल है पेशगी रखिये’’ शायर के दिल से निकली गजलों का नायाब संग्रह
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घबराया दिल तो तेरे ख़यालों में खो गये
घबराया दिल तो तेरे ख़यालों में खो गये
यानी जला के शम्अ उजालों में खो गये
हम अपनी ज़िन्दगी के सवालों में खो गये
वो कह रहे हैं चाहने वालों में खो गये
बाक़ी सफ़र की कोई निशानी नहीं रही
काँटे भी मेरे पाँव के छालों में खो गये
कुछ लोग चल रहे हैं मेरे साथ धूप में
कुछ लोग थे जो रेशमी बालों में खो गये
तुमने मेरे ग़मों को फ़साना बना दिया
अफ़साने बन गये तो रिसालों में खो गये
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