नई पुस्तकें >> रौशनी महकती है रौशनी महकती हैसत्य प्रकाश शर्मा
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‘‘आज से जान आपको लिख दी, ये मेरा दिल है पेशगी रखिये’’ शायर के दिल से निकली गजलों का नायाब संग्रह
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अपनी बिसात क्या है मगर ले के जायेंगे
अपनी बिसात क्या है मगर ले के जायेंगे
सर ही हमारे पास है सर ले के जायेंगे
साहिल की बात क्या है जज़ीरे भी हैं कहाँ
क़श्ती न जाने आप किधर ले के जायेंगे
तय है कि मिल ही जायेगा फिर सायबान भी
दिल में अगर यक़ीं का शजर ले के जायेंगे
दुनिया के अपने तौर-तरीक़ों से मुख़्तलिफ़
अपना मिज़ाज, अपनी नज़र ले के जायेंगे
ख़ारों की अंजुमन में भी खुश्बू बिखेरना
फूलों से हम ये ख़ास हुनर ले के जायेंगे
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