नई पुस्तकें >> सुबह रक्त पलास की सुबह रक्त पलास कीउमाकांत मालवीय
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सुबह रक्तपलाश की - उमाकान्त मालवीय का तीसरा कविता संग्रह है…
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सिर्फ हूँ सवाल
सिर्फ हूँ सवाल
मैं सिर से पाँव तक।
मैं क्या हूँ?
क्या है यह मेरा परिवेश ?
कैसे यह गाँव नगर ?
कैसा यह देश?
कैसे संयोग रहे नदी नाव तक ?
क्या है सम्बन्ध यहाँ ?
क्या है विच्छेद ?
क्या है आसक्ति और क्या है निर्वेद ?
प्रश्नाकुल, प्रश्नाहत धूप छाँव तक।
एक अप्रस्तुत उत्तर की मुझे तलाश
चरैवेति चरैवेति की अनन्त प्यास।
जाऊँगा जाने किस ठौर ठाँव तक।
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