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सुबह रक्त पलास की

उमाकांत मालवीय

प्रकाशक : स्मृति प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 1976
पृष्ठ :80
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 15463
आईएसबीएन :0

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सुबह रक्तपलाश की - उमाकान्त मालवीय का तीसरा कविता संग्रह है…


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फिर आये


फिर आये
होलिका दहन वाले दिन
मेहनतकश पीठों पर
किरणों के कोड़े
ज्यों जुलूस पर अफसर दौड़ाये घोड़े।
लू लपटें
आफत के परकाले दिन

किस दर्जा बेपर्दा
पेड़ों की शाखें
कितनी गहरी सूनी
खेतों की आँखें।
बिन पनही की पउली पर छाले दिन।
 
कुल्फी ही ओढ़ें
औ' कुल्फियां बिछायें
कमरों में सौ नैनीताल उतर आये
कूलर वालों के बैठे ठाले दिन।

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