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सूक्ति प्रकाश

डॉ. ओम प्रकाश विश्वकर्मा

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2020
पृष्ठ :160
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 15420
आईएसबीएन :978-1-61301-658-9

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1000 सूक्तियों का अनुपम संग्रह


'बाबा वाक्यं प्रमाण' छोड़ कर अपने मार्ग से प्रभु को प्राप्त करो।
- इमर्सन
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अगर तूने स्वर्ग और नरक नहीं देखा है तो समझ ले कि उद्यम स्वर्ग है और आलस्य नरक है। .
- जामा
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किसी की हँसी उड़ाना उसे शत्रु बनाना है।
- डॉ. विश्वकर्मा
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पर स्त्रीगमन करना जान-बूझकर अपनी स्त्री को व्यभिचारिणी बनाना है।
- विजयधर्म सूरि
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अगर आदमी परोपकारी नहीं है तो उसमें और दीवार पर खिंचे हुए चित्र में क्या अंतर है।     
- सादी
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अनागत के लिये परेशान होना ईश्वर का अविश्वास है; जो है उसके लिये परेशान होना ईश्वर के प्रति अधैर्य है; और गुजरी हुई बातों के लिये परेशान होना ईश्वर पर क्रोध करना है।
- बिशप पैट्रिक
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मैं परमात्मा से यह प्रार्थना नहीं करता कि तू मेरा हो जा; मेरी उससे प्रार्थना होगी कि तू मुझे पवित्र बना। जब मैं पवित्र हो जाऊँगा तो परमात्मा स्वभावतः मेरा हो जायगा।
- एक हार्ट
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शरीर जल से पवित्र होता है; मन सत्य से; बुद्धि ज्ञान से और आत्मा धर्म से पवित्र होती है।
- मनु
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जो करोड़ों ग्रन्थों में कहा गया है उसे मैं आधे श्लोक में कहता हूँ; वह यह कि 'परोपकार करना पुण्य है और दूसरों को दुःख देना पाप।'
- अज्ञात
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इत्मीनान रख, तेरा पाप तुझे दृढ़ निकालेगा।
- मोज़ज़
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वह अपने आप को धोखा देता है जो समझता है कि उसके कुकर्म ईश्वर की नजर से छिपे हुए हैं।
- पिण्डर
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गुलाब गिर जाते हैं, कांटे लगे रहते हैं। ..
- डच कहावत
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पाप जल्दी जाता है, लेकिन उसके द्वारा की गयी क्षति की पूर्ति धीरे-धीरे ही होती है।
- डेनिस कहावत
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पाप का उदय होने पर सम्पत्ति भी विपत्ति बन जाती है।
- धर्मकल्पद्रुम
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मरते वक्त तक क्या चुभता रहता है? गुप्त पाप।
- शंकराचार्य
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पाप के साथ ही सजा के बीज बो दिये जाते हैं।
- हेसियोड
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परोपकारी पुरुष उस समय अपने को गरीब समझता है, जब कि वह सहायता मांगने वालों की इच्छा पूरी करने में असमर्थ होता है।
- तिरुवल्लुवर
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मैं पिछले जन्मों और पुनर्जन्मों में विश्वास करता हूँ।
- महात्मा गाँधी
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दैव (भाग्य) कभी कुछ नहीं करता, यह केवल कल्पना मात्र है कि दैव ही सब कुछ करता है, दैव मूर्ख लोगों की कल्पना है, इस कल्पना के भरोसे रहकर वे नाश को प्राप्त होते हैं।
- अज्ञात
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यहां पर सब दुःखों का क्षय करने लिये पुरुषार्थ के अतिरिक्त दूसरा कोई मार्ग नहीं है।
- योगवाशिष्ठ
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अपना काम करो; दिल से करो; आसमान साफ हो जायगा।
- डीन फरार
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आनन्द से बढ़ कर दुनिया में सिर्फ एक चीज है, और वह है पवित्रता।
-अज्ञात
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अपना हृदय पवित्र रखोगे तो दस आदमियों की ताकत रखोगे।
- अज्ञात
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'ईश्वर साफ हाथों को देखता है, भरे हाथों को नहीं।
- साइरस
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