लोगों की राय
जिसके शब्दकोष में आराम, आलस्य और असंभव जैसे शब्द नहीं थे ऐसे सिकंदर की संक्षिप्त गाथा प्रस्तुत है- शब्द संख्या 12 हजार...
इलियड पढ़कर सिंकदर विचलित भी हुआ। वह नायक एकिलीस की मृत्यु से दुखी हो गया। एक दिन गुरु से पूछ ही लिया, ‘‘देवताओं के समान बली एकिलीस और हेक्टर साधारण मनुष्यों की तरह युद्धभूमि में मारे जाते हैं। इनके प्रतापों का अर्थ क्या सिर्फ मृत्यु ही है ?’’
अरस्तू सिकंदर के मन के उद्वेलन, उसकी मानसिक प्रतिक्रिया की पराकाष्ठा को समझ रहे थे। उन्होंने बताया, ‘‘मनुष्य का जीवन देवचक्र की छाया में व्यतीत होता है। वह अंततः अपने सारे शौर्य, क्रौर्य और अभिमान के बावजूद दयनीय है। यही है इलियड की सार्वभौम करुणा। परंतु समग्र मनुष्य की दृष्टि में यह स्थिति दयनीय और करुण होते हुए भी उसके व्यक्तिगत जीवन में शौर्य और कीर्ति के लिए स्थान है। मनुष्य का जीवन सार्वभौम रूप से त्रासद है पर इसी के भीतर मनुष्य अपने व्यक्तिगत स्तर पर प्रतिष्ठा के लिए, उपलब्धियों के लिए प्रयत्नशील रहता है। यही इलियड का जीवन दर्शन है। सार्वभौम सत्य दार्शनिक स्तर के सत्य हैं और व्यक्तिगत जीवन में दार्शनिक नहीं व्यावहारिक सत्य की अपेक्षा होती है। एकिलीस जेउस बनना चाहता था पर वह यह भूल गया कि नियति जेउस से भी बड़ी होती है। उसके आगे सभी पस्त है, सभी नतमरत्तक हैं।’’
सिकंदर को दत्तचित होकर इलियड-प्रसंग सुनते देखा तो अरस्तू को लगा जैसे शिष्य के भीतर कोई एकिलीस छटपटा रहा है। शिष्य की भावनाओं का आदर करते हुए अरस्तू ने स्व-हस्तलिखित और व्याख्या से युक्त इलियड की एक प्रति उसे भेंट की। गुरु के इस कृत्य से सिकंदर इतना उपकृत हो गया, इतना धन्यतम हो गया कि जीवन भर अरस्तू का सम्मान ही नहीं करता रहा उसकी धन और मानव-बल से अयाचित सहायता भी करता रहा। अरस्तू द्वारा एथेंस में स्कूल स्थापित किए जाने पर उसने 800 टेलैंट (23 लाख पौंड स्टर्लिग) देने के अतिरिक्त दुर्लभ पुस्तकों की पांडुलिपियां उपलब्ध करायीं। जीव-विज्ञान के उनके शोध के लिए उसने मछलीमारां, बहेलियों, शिकारियों आदि को आदेश दिए कि जीव-जन्तुओं के संबंध में वे जानकारी एकत्र कर अरस्तू को दें। एक समय पर इनकी संख्या एक हजार तक थी। अपने युद्ध-अभियानों पर भी गुरु को उन विचित्र बातों के बारे में सूचित करता जो उसने परदेश में देखी होतीं। भारत की विचित्रताओं के विषय में भी उसने एक पत्र भेजा था।
...Prev | Next...
मैं उपरोक्त पुस्तक खरीदना चाहता हूँ। भुगतान के लिए मुझे बैंक विवरण भेजें। मेरा डाक का पूर्ण पता निम्न है -
A PHP Error was encountered
Severity: Notice
Message: Undefined index: mxx
Filename: partials/footer.php
Line Number: 7
hellothai