जीवनी/आत्मकथा >> सिकन्दर सिकन्दरसुधीर निगम
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जिसके शब्दकोष में आराम, आलस्य और असंभव जैसे शब्द नहीं थे ऐसे सिकंदर की संक्षिप्त गाथा प्रस्तुत है- शब्द संख्या 12 हजार...
सिकंदर का जन्म प्राचीन यूनान के उत्तरी अर्ध-सभ्य, अर्ध-विकसित प्रांत मकदूनियां की राजधानी पैला में हेकटोमबयोन महीने की छठी तारीख को ईसा पूर्व 356 को हुआ था। यह पुरानी तारीख 20 जुलाई को पड़ती है। सिकंदर की माता ओलिम्पीआस इपीरस के राजा न्यूओपटोलेमस प्रथम की पुत्री थी। फिलिप की आठ रानियों में से वह चौथी थी और सिकंदर को जन्म देने के बाद उसे प्रधान रानी का दर्जा मिल गया था।
अनुश्रुति है कि ओलिम्पीआस ने सुहागरात को एक स्वप्न देखा था कि उसके गर्भाशय पर बिजली गिरी जिसकी दमक, कौंध समाप्त होने से पूर्व, बहुत दूर तक चली गई। यह भी कहा जाता है कि विवाह के कुछ समय पश्चात फिलिप ने भी सपना देखा कि उसने सिंह की आकृति वाली मुहर से पत्नी का गर्भाशय सुरक्षित कर दिया है।
इन स्वप्नों का निर्वचन दो प्रकार से किया गया। एक तो, विवाह से पहले ओलिम्पीआस गर्भवती थी जिसका संकेत बंद गर्भाशय से मिलता है; दूसरे सिकंदर का पिता जीअस (प्राचीन यूनान का प्रधान देवता) था। यह भी कहा जाता है कि सिकंदर के जन्म के दिन, सात आश्चर्यों में से एक, इफोसिस में अर्तामिस का मंदिर जल गया था क्योंकि अर्तामिस (शिशु जन्म में सहायक देवता) सिकंदर के जन्म-स्थल पर उपस्थित था। ऐसी दंतकथाएं तभी प्रचलित हुईं जब सिकंदर राजा बन गया। संभव है कि यह कथाएं उसी की प्रेरणा से फैली हों क्योंकि इनसे सिकंदर सिद्ध करना चाहता था कि वह एक अतिमानव है और महान कार्यों के लिए पैदा हुआ है।
अलेक्जेंडर शब्द यूनानी के ‘अलेक्सो’ से बना है जिसका अर्थ है, ‘‘प्रतिरक्षण करना, सहायता करना’’। अलेक्जेंडर का पारसीक पर्याय है ‘सिकंदर’ जो सर्वत्र लोकप्रिय है। एक अप्रचलित पर्याय ‘इस्कंदर’ भी है।
प्रारंभिक वर्षों में सिकंदर का पालन-पोषण लेनिके नामक धाय ने किया। उसका भाई क्लीतोस बाद में सिकंदर का सेनापति बना और एक युद्ध में उसने सिकंदर की प्राण रक्षा की थी। बचपन में सिकंदर को स्कूली शिक्षा एक तो उसके मां के संबंधी लियोनीदस ने दी, जो एक कड़क आदमी था। दूसरे, युद्ध की शिक्षा फिलिप के सेनापति लिसीमेकस द्वारा दी गई। सिकंदर का पोषण और शिक्षण मकदूनियां के संभ्रांत परिवार के किशोरों की तरह हुआ। अतः उसने पढ़ना, लिखना, लीरा बजाना सीखा, घुड़सवारी, युद्ध और शिकार का ज्ञान प्राप्त किया।
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