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जीवनी/आत्मकथा >> प्लेटो

प्लेटो

सुधीर निगम

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2017
पृष्ठ :74
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 10545
आईएसबीएन :9781613016329

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पढ़िए महान दार्शनिक प्लेटो की संक्षिप्त जीवन-गाथा- शब्द संख्या 12 हजार...


एथेंस के पेलोपोनीसोस युद्ध (ई.पू. 404-403) में पराजित होने के बाद राज्य पर जिन 30 निरंकुश तानाशाहों का अल्पकाल के लिए अल्पमत शासन रहा खारमीदिस और क्रीतिओस उनमें सम्मिलित थे। इस प्रभावशाली पितृपक्ष से एथेंस के प्राचीन राजवंश से तथा मातृपक्ष से प्रसिद्ध सुधारक और विधि निर्माता सोलन से संबंधित होने के कारण पारिवारिक पृष्ठभूमि की दृष्टि से प्लेटो अत्यंत भाग्यशाली था। उच्च कुल के साथ वैभव, सौंदर्य, स्वास्थ्य और तीव्र बुद्धि प्राप्त होने का सौभाग्य प्लेटो को प्राप्त था। दादा के नाम पर प्लेटो का प्रारंभिक नाम अरिस्तोक्लीस था। कालांतर में कुश्ती के प्रशिक्षक ने उसके स्वस्थ शरीर और चौड़ी छाती देखकर उसका नाम प्लेटो (शाब्दिक अर्थ ‘चौड़ा’) रख दिया। एक दूसरे मत के अनुसार ‘प्लेटो’ नाम उसके धाराप्रवाह बोलने के कारण रखा गया। अरिस्तोन और पेरिक्तोन दंपति के प्लेटो के अतिरिक्त तीन संतानें और थीं जिनमें एडीइम्नेतोस और ग्लाडकोन नामक दो पुत्र थे और एक पुत्री थी जिसका नाम पोलोन था। बाद में पोतोन स्पयूसिपस की मां बनी जो प्लेटो की अकादमी का उत्तराधिकारी बना। प्लेटो के विवाह का कहीं जिक्र नहीं मिलता। रिपब्लिक के अनुसार एडीइम्नेतोस और गलाडकोन दोनों प्लेटो से बड़े थे, लेकिन जेनोफोन की मेमोरेबिलिया में ग्लाडकोन को प्लेटो से छोटा बताया गया। प्लेटो का स्वास्थ्य बहुत अच्छा था। वह सुदर्शन था। कुश्ती लड़ना उसने अपने पिता से सीखा। व्यायाम दक्ष और पराक्रमी होने के कारण उसने कई पुरस्कार जीते। उसकी वाणी और व्यवहार में दृप्ति दिखाई देती थी।

डाइओबीसोस की उच्चतर पाठशाला में प्लेटो ने शिक्षा पाई। किशोरावस्था में काव्य और संगीत का अध्ययन किया। स्पयूसिपस ने प्लेटो की प्रशंसा करते हुए है कहा कि वह तेज दिमाग का लज्जालु बालक था और युवावस्था से ही कठोर परिश्रमी और अध्ययन-प्रेमी हो गया। समझा जाता है कि प्लेटो को व्याकरण, संगीत और व्यायाम की शिक्षा तत्कालीन प्रतिष्ठित शिक्षकों द्वारा मिली होगी। अरस्तू के अनुसार प्लेटो में आधिभौतिकी और भौतिकी की नींव क्रेटीलोस के सिद्धांतों और पाइथागोरस और मार्गेनिडीज के ग्रंथों के आधार पर रखी गई। 20 वर्ष की अवस्था में सुकरात से भेंट होने से पूर्व उसने दर्शन की उच्च शिक्षा प्राप्त कर ली थी।

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