जीवनी/आत्मकथा >> अरस्तू अरस्तूसुधीर निगम
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सरल शब्दों में महान दार्शनिक की संक्षिप्त जीवनी- मात्र 12 हजार शब्दों में…
पुनश्च
अरस्तू अपने ग्रंथ हिस्टोरिया एनीमैलियम में मधुमक्खियों के लिंग भेद के बारे में बताते हैं कि ‘सभी मधुमक्खियां डंक-युक्त होती हैं पर पुं-मधुप डंकविहीन होता है। चूंकि प्रकृति किसी मादा को आक्रामक हथियार प्रदान नहीं करती अतः यह मानना कि मधुमक्खियां मादा होती हैं और पुं-मधुप नर निर्मूल है। इसके विपरीत यह मानना कि मधुमक्खियां नर और पुं-मधुप मादा की श्रेणी में है, असंगत है क्योंकि कोई भी नर श्रेणी का जीव परिवार के भीतर का कार्य नहीं करता जबकि मधुमक्खियां करती हैं।’
इसके पूर्व कि आर्थर प्लाट जैसे लोग इसे दुर्भाग्यपूर्ण ठहराते अरस्तू ने ग्रंथ के एक-दो पृष्ठों के बाद ही एक क्रांतिकारी वाक्य लिख दिया, ‘भविष्य में जब कभी मधुमक्खियों से संबंधित लिंग निर्धारण के प्रश्न पूर्णतः समझ लिए जाते हैं तब संपूर्ण श्रेय सिद्धांतों के स्थान पर निरीक्षण को दिया जाना चाहिए-सिद्धांतों की मान्यता उसी सीमा तक है जहां तक वे निरीक्षित तथ्यों का समर्थन करते हैं।
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