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धर्म-निरपेक्षता की अनोखी मिसाल बादशाह अकबर की प्रेरणादायक संक्षिप्त जीवनी...
चमत्कारी चाकू
मालावार के समीप स्थित कजली प्रांत का राजा अकबर की सेवा में भेटें भेजना चाहता था परंतु भौगोलिक कठिनाइयों के कारण यह संभव न हो पा रहा था। अंततः 1569 ई. में राजा ने अपने मंत्री के पुत्र को राजदूत बनाकर और एक भेंट देकर अकबर के पास भेजा। बीरबल के माध्यम से राजदूत अकबर के समक्ष उपस्थित हो पाया। उसने निवेदन किया, ‘‘हमारे राजा ने आपको भेंट में देने के लिए एक चाकू भेजा है जिसे देश के प्राचीन वैद्यों ने बनाया था। देखने में यह एक साधारण चाकू दिखाई देता है परंतु इसका गुण यह है कि शरीर में आई सूजन पर इसका स्पर्श करते ही सूजन दूर हो जाती है।’’ अकबर ने वह चाकू ले लिया और राजदूत को पुरस्कृत करके विदा किया।
बाद में बादशाह ने स्वयं बताया कि उस चाकू से दो सौ मरीजों को फायदा हुआ।
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