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ई-पुस्तकें >> ऑथेलो (नाटक)

ऑथेलो (नाटक)

रांगेय राघव

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2015
पृष्ठ :184
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 10117
आईएसबीएन :978161301295

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Othello का हिन्दी रूपान्तर

इआगो : हाँ, अगर तुममें अपने को फायदा पहुँचाने की कोई हिम्मत है, बशर्ते तुम एक ठीक काम कर सको। आज रात वह एक वेश्या के घर खाना खाएगा। वहाँ मैं भी उसके साथ जाऊँगा। उसे अभी पता नहीं है कि उसकी किस्मत खुल गई है। अगर तुम उसके वहाँ जाने की टोह में रहोगे तो तुम्हें मौका मिल जाएगा। और मैं ऐसा कर दूँगा कि यह वक्त बारह और एक के बीच में हो। और फिर तुम्हारी मदद को मैं तुम्हारे पास रहूँगा। वह हमारे बीच में ही तो रहेगा। सुना! चौंकते क्यों हो! मेरे साथ चलो! मैं तुम्हें उसके मरने का ऐसा कारण बताऊँगा कि तुम्हें तो उसे मारने से रुकना कठिन हो जाएगा। अब तो खाने का वक्त हो गया और रात भी काफी हो गई है। तुम चलो!

रोडरिगो : तो फिर मुझे इसके और कारण बताओ!

इआगो : ज़रूर! मैं तुम्हें इसका यकीन दिला दूंगा।

(प्रस्थान)

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