ई-पुस्तकें >> ऑथेलो (नाटक) ऑथेलो (नाटक)रांगेय राघव
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Othello का हिन्दी रूपान्तर
दृश्य - 3
(स्थान - दुर्ग का एक कमरा)
(ऑथेलो, लोडोविको, डैसडेमोना, इमीलिया तथा सेवकों का प्रवेश)
लोडोविको : मैं प्रार्थना करता हूँ श्रीमान्, कि इस विषय में अब आप अधिक चिन्ता न करें।
ऑथेलो : क्षमा करें! घूमने से मुझे चैन मिलेगा।
लोडोविको : नमस्कार श्रीमती! मैं आपको धन्यवाद देता हूँ।
डैसडेमोना : श्रीमान् के आगमन से मुझे प्रसन्नता है। क्या आप घूमने जाएँगे?
ऑथेलो : आह डैसडेमोना!
डैसडेमोना : मेरे स्वामी!
ऑथेलो : तुरन्त सोने चली जाओ! मैं अभी लौटकर आता हूँ। अपनी नौकरानी को वहाँ से छुट्टी दे देना! ऐसा ही हो।
डैसडेमोना : जो आज्ञा स्वामी!
(ऑथेलो, लोडोविको और सेवकों का प्रस्थान)
इमीलिया : यह कैसी बात है? इस समय तो पहले की तुलना में वे बड़े नरम दिखाई देते हैं।
डैसडेमोना : उन्होंने कहा है, वे शीघ्र लौटेंगे। उन्होंने कहा है कि मैं सोने जाऊँ और तुम्हें छुट्टी दे दूँ।
इमीलिया : मुझे छुट्टी दे दो?
डैसडेमोना : यह उनकी आज्ञा है, इसलिए मेरी अच्छी इमीलिया! मेरे सोने के वस्त्र दे दो और जाओ! अब हमें उन्हें और क्रुद्ध नहीं करना चाहिए।
इमीलिया : अच्छा होता तुम उनसे कभी मिली ही न होतीं!
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