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ऑथेलो (नाटक)

रांगेय राघव

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2015
पृष्ठ :184
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 10117
आईएसबीएन :978161301295

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Othello का हिन्दी रूपान्तर

दृश्य - 3 

(स्थान - दुर्ग का एक कमरा)

(ऑथेलो, लोडोविको, डैसडेमोना, इमीलिया तथा सेवकों का प्रवेश)

लोडोविको : मैं प्रार्थना करता हूँ श्रीमान्, कि इस विषय में अब आप अधिक चिन्ता न करें।

ऑथेलो : क्षमा करें! घूमने से मुझे चैन मिलेगा।

लोडोविको : नमस्कार श्रीमती! मैं आपको धन्यवाद देता हूँ।

डैसडेमोना : श्रीमान् के आगमन से मुझे प्रसन्नता है। क्या आप घूमने जाएँगे?

ऑथेलो : आह डैसडेमोना!

डैसडेमोना : मेरे स्वामी!

ऑथेलो : तुरन्त सोने चली जाओ! मैं अभी लौटकर आता हूँ। अपनी नौकरानी को वहाँ से छुट्टी दे देना! ऐसा ही हो।

डैसडेमोना : जो आज्ञा स्वामी!

(ऑथेलो, लोडोविको और सेवकों का प्रस्थान)

इमीलिया : यह कैसी बात है? इस समय तो पहले की तुलना में वे बड़े नरम दिखाई देते हैं।

डैसडेमोना : उन्होंने कहा है, वे शीघ्र लौटेंगे। उन्होंने कहा है कि मैं सोने जाऊँ और तुम्हें छुट्टी दे दूँ।

इमीलिया : मुझे छुट्टी दे दो?

डैसडेमोना : यह उनकी आज्ञा है, इसलिए मेरी अच्छी इमीलिया! मेरे सोने के वस्त्र दे दो और जाओ! अब हमें उन्हें और क्रुद्ध नहीं करना चाहिए।

इमीलिया : अच्छा होता तुम उनसे कभी मिली ही न होतीं!

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