ई-पुस्तकें >> ऑथेलो (नाटक) ऑथेलो (नाटक)रांगेय राघव
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Othello का हिन्दी रूपान्तर
दृश्य - 2
(दुर्ग का एक प्रकोष्ठ)
(ऑथेलो, इआगो और अन्य नागरिकों का प्रवेश)
ऑथेलो : हरकारे को इन पत्रों को दे दो और उसके द्वारा सिनेट को मेरा अभिवादन भिजवा दो! इसके बाद मुझसे दुर्ग प्राचीर पर मिलना, मैं वहीं जा रहा हूँ।
इआगो : जो आज्ञा स्वामी! मैं अभी करता हूँ।
ऑथेलो : अच्छा महोदयो! क्या हम इस सुरक्षा-प्राचीर की ओर चलें?
नागरिक : हम श्रीमान की सेवा में साथ रहेंगे।
(प्रस्थान)
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