लोगों की राय

ई-पुस्तकें >> ऑथेलो (नाटक)

ऑथेलो (नाटक)

रांगेय राघव

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2015
पृष्ठ :184
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 10117
आईएसबीएन :978161301295

Like this Hindi book 0

Othello का हिन्दी रूपान्तर

ड्यूक : (ऑथेलो से) तुम्हें इस बारे में क्या कहना है?

ब्रैबेन्शियो : कुछ नहीं, सिवाय इसके कि जो मैंने कहा है उसे स्वीकार कर लें।

ऑथेलो : सम्भ्रान्त, शक्तिशाली और विलक्षण श्रीमन्तो! आप मेरे कुलीन, विश्वसनीय और अच्छे स्वामी हैं। यह बिल्कुल सत्य है कि मैंने इन वृद्ध महोदय की पुत्री को अपने पास रख लिया है। हाँ, मैंने उससे विवाह किया है, यह भी सत्य है। यही मेरा एकमात्र अपराध है। मेरी वाणी कठोर है, मैं मुखर हूँ और प्रेम से मीठे बोल बोलना मुझे नहीं आता, क्योंकि सात वर्ष की आयु से केवल नौ मास पहले तक मेरी भुजाओं ने अपना सबसे अच्छा समय शिविरों से ढँकी हुई युद्धभूमियों में बिताया है। इस विशाल संसार के बारे में, युद्ध और युद्ध की लोमहर्षक घटनाओं के अतिरिक्त सम्भवतः मैं कुछ भी जानकारी नहीं रखता, जिसपर बात कर सकूँ। अपनी रक्षा करने के प्रयत्न में मुझे अधिक सफलता की आशा नहीं है। किन्तु आपने मुझे दया करके आज्ञा दी है तो मैं बिल्कुल स्पष्टतया बिना नमक-मिर्च लगाए अपनी सारी प्रेम-कथा सुनाऊँगा, ताकि आप स्वयं जान सकें कि किस जादू किस जड़ी-बूटी के प्रभाव से, किस कौशल से, मैंने इनकी पुत्री का प्रेम प्राप्त किया है; क्योंकि मुझपर यही तो अभियोग लगाया गया है।

ब्रैबेन्शियो : वह एक लजीली कुमारी है, उसका चित्त शान्त है, कभी उसमें कृत्रिमता नहीं झलकती, लाज स्वयं उस पर लजाती है। क्या यह विश्वास किया जा सकता है कि वह अपनी प्रकृति के विरुद्ध, अपने देश, अपनी आयु, अपनी जाति की परम्परा, लोकमर्यादा का भय, सब कुछ की उपेक्षा करके ऐसे व्यक्ति से प्रेम करेगी, जिसकी कि सूरत देखकर उसके हृदय में भय उत्पन्न होने की सम्भावना अधिक प्रतीत होती है। डैसडेमोना जैसी पूर्णतया अपना स्वभाव भूलकर प्रकृति के विरुद्ध भी ऐसा कर सकती है-ऐसा निर्णय देनेवाला न्याय स्वयं अपूर्ण ही कहलाएगा। ऐसी अस्वाभाविक बात क्यों हुई, यह जानने के लिए अवश्य इसे स्वीकार करना पड़ेगा कि इस विषय में कोई न कोई जघन्य नारकीय तरीका अवश्य अपनाया गया होगा, वरना ऐसा हो कैसे सकता था? इसलिए मैं आपके सामने फिर सशक्त शब्दों में दुहराता हूँ कि अवश्य उसपर किसी जादू की वस्तु का प्रयोग किया गया है और उसके रक्त पर गहरा प्रभाव पड़ा है; अवश्य ही कोई जड़ी-बूटी है जिसे तान्त्रिक ढंग से सिद्ध किया होगा।

ड्यूक : लेकिन विश्वासपूर्वक दुहरा देना तो प्रमाण नहीं बन जाता। जब तक और ठोस और गहरे प्रमाण की सम्भावनाओं और योजनाओं के विषय प्रस्तुत नहीं किए जाते, मैं कैसे इनसे आश्वस्त हो सकता हूँ?

सिनेट का एक सदस्य : कहो ऑथेलो! बताओ, क्या तुमने इस कुमारी को किसी कुटिल और अनुचित रीति से अपने वश में किया है या जैसा कि दो व्यक्तियों में प्रेम-सम्भाषणों में प्रार्थनाएँ होती हैं, मीठी-मीठी बातें होती हैं, उनमें उसे प्रभावित कर लिया है?

ऑथेलो : मैं प्रार्थना करता हूँ कि सैगिटरी से डैसडेमोना को यहाँ बुलवा लिया जाए और अपने पिता की उपस्थिति में वही मेरे विषय में बताए। यदि अपनी बात में वह कहे कि मैंने किसी अनुचित रीति को अपनाया है तो न केवल यह विश्वास, यह पद जो आपने मुझे दिए हैं, मुझसे ले लिए जाएँ वरन् आपका भीषण दण्ड मुझे जीवन से ही वंचित कर दे।

ड्यूक : डैसडेमोना को यहाँ बुलवाया जाए।

(दो या तीन व्यक्तियों का प्रस्थान) 

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book