उपयोगी हिंदी व्याकरण
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हिंदी के व्याकरण को अघिक गहराई तक समझने के लिए उपयोगी पुस्तक
अध्याय 8
सर्वनाम
सर्वनाम का शाब्दिक अर्थ है— सर्व (-सब) का नाम। व्याकरण में सर्वनाम ऐसे
शब्दों को कहते हैं, जिनका प्रयोग सब प्रकार के नामों (-संज्ञाओँ) के लिए
अथवा उनके स्थान पर हो सके। सर्वनामों का सबसे अधिक प्रयोग वाक्यों में एक ही
संज्ञा को बार-बार उसी रूप में आने से बचाने के लिए होता है।
उदाहरणार्थ इन वाक्यों को देखिए:
मोहन सुबह आया था। मोहन व्याकरण की पुस्तक आज ही दे गया है, क्योंकि मोहन कल
दिल्ली चला जाएगा।
यहाँ मोहन तीन बार आया है। मोहन शब्द का बार-बार आना अट-पटा सा लगता है। अतएव
सर्वनाम का प्रयोग करने के बाद ये वाक्य इस प्रकार बन जाएंगे:
मोहन सुबह आया था। वह व्याकरण की पुस्तक आज ही दे गया है, क्योंकि वह कल
दिल्ली चला जाएगा।
इसी प्रकार निम्नलिखित वाक्य:
मोहिनी सुबह आई थी। मोहिनी व्याकरण की पुस्तक आज ही दे गई हैं, क्योंकि
मोहिनी कल दिल्ली चली जाएगी।
सर्वनाम के प्रयोग के बाद निम्न बन जाएँगे:
मोहनी सुबह आई थी। वह व्याकरण की पुस्तक आज ही दे गई है क्योंकि वह कल दिल्ली
चली जाएगी।
ऊपर सर्वनाम वह मोहन के लिए भी आया है, मोहिनी के लिए भी। व्यवहार में वह
अन्य संज्ञाओँ (नामों) के लिए आ सकता है। सभी संज्ञाओं के लिए आ सकने के कारण
वह सर्वनाम है।
सर्वनाम का संकेतार्थ उस प्रकार स्थिर नहीं होता है, जिस प्रकार संज्ञा,
क्रिया या विशेषण का। गाय सुनते ही आप के मन में एक प्राणि विशेष का बिंब आ
जाता है, कूद रही है सुनते ही आपके मन में किसी के ऊपर उछलने और फिर जमीन पर
बार-बार आ जाने का चित्र आता है, विशेषण भूरी सुनते ही कुछ रंगविशेष के गुण
का आभास मिलता है। किन्तु मैं, तुम, वह, यह, कौन आदि सर्वनाम शब्द कोई चित्र
नहीं प्रस्तुत करते। उनका अर्थ कथन से या बातचीत के संदर्भ से निकलता है —
मोहन यदि कहता है कि मैं जा रहा हूँ तो मैं का अर्थ मोहन है; किंतु यदि इसी
वाक्य को सोहन बोलता है तो मैं का अर्थ सोहन है। इस प्रकार सर्वनाम व्याकरणिक
— शब्द होते हैं।
सर्वनाम वे शब्द हैं जो संज्ञा के स्थान पर वाक्य में आते हैं।
ये कभी-कभी पूरे वाक्य या पूरे कथन के स्थान पर भी आते हैं, विशेषतः
निश्चय-वाचक यह, जैसे —
तुम अवश्य आओगे, यह मुझे मालूम था।
मैं यह चाहता हूँ कि आप अवश्य मेरे यहाँ आएँ।
यहाँ पहले वाक्य में यह, तुम अवश्य आआगे का प्रतिनिधि शब्द है, जब कि वाक्य
यहस आप अवश्य मेरे यहाँ आएँ का प्रतिनिधि शब्द है।
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