उपयोगी हिंदी व्याकरण
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हिंदी के व्याकरण को अघिक गहराई तक समझने के लिए उपयोगी पुस्तक
10. कोष्ठक [()]
1. कोष्ठक के भीतर मुख्यतः उस सामग्री को रखते हैं जो
मुख्य वाक्य के अंग होते हुए भी पृथक् की जा सकती है –
संज्ञा के तीन मुख्य भेदों (व्यक्तिवाचक, जातिवाचक, भाववाचक) का विवेचन
प्रस्तुत किया जा रहा है।
2. क्रमसूचक अंको या अक्षरों के साथ –
(क) (ख)(ग), (1)(2)(3)
11. त्रुटिपूरक या हंसपद (^)
लिखते समय जब कोई अंश शेष रह जाता है तो उसके लिए ठीक स्थान पर यह चिह्न
लगा दिया जाता है –
महात्मा गाँधी ने ^ सत्य का पालन किया।
12. संक्षेपसूचक (.)
लाघव चिह्न बिंदु (.) का प्रयोग संक्षिप्त रूप लिखने के लिए होता है –
बी.ए.
कृ.पृ.उ. (कृपया पृष्ठ उलटिए)
पं., डॉ.