उपयोगी हिंदी व्याकरण
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हिंदी के व्याकरण को अघिक गहराई तक समझने के लिए उपयोगी पुस्तक
8. अवतरण या उद्धरण चिह्न (“ ”)
इसका प्रयोग निम्नलिखित स्थलों पर होता है:
1. किसी व्यक्ति के कथन को मूल रूप में उद्धृत करने के लिए –
तिलक ने कहा, “स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है!”
2. किसी लेखक या महापुरुष के उद्धृत किये हुए शब्दों से पहले –
गो. तुलसीदास ने सत्य ही कहा है, “जासु राज प्रिय प्रजा दुखारी। सो नृप अवसि
नरक अधिकारी।।”
3. किसी व्यक्ति, उपनाम, पुस्तक का नाम भी इकहरे उद्धरण चिह्न में लिखा जाता
है –
‘प्रसाद’ छायावाद के प्रवर्तक माने जाते हैं।
‘साकेत’ महाकाव्य है।
9. विवरण चिह्न (:-)
विवरण चिह्न वाक्यांश के निर्देश के लिए होता है:
इस बारे में कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं :-
संज्ञा के तीन प्रमुख भेद होते हैं –
क. व्यक्तिवाचक
ख. जातिवाचक
ग. भाववाचक
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