उपयोगी हिंदी व्याकरण
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हिंदी के व्याकरण को अघिक गहराई तक समझने के लिए उपयोगी पुस्तक
2. अर्द्ध विराम (;)
पूर्ण विराम से कम देर ठहरने के लिए अर्द्ध विराम का प्रयोग होता है। इसका
प्रयोग कुछ सीमित स्थितियों में ही होता है; जैसे –
1. किसी नियम के बाद में आने वाले उदाहरणसूचक “जैसे”, शब्द के पूर्व, जैसे
स्त्रियों के नाम के साथ बहुधा “देवी” शब्द आता है;
जैसे – सरला देवी
2. समानाधिकार वाक्यों के बीच में, जैसे –
भारत में राजनीतिक स्वतंत्रता का शंख महात्मा गाँधी जी ने फूँका; अहिंसा और
असहयोग के अस्त्र उन्होंने ही दिए; देश को स्वतंत्र उन्होंने ही कराया।
3. मिश्र तथा संयुक्त वाक्य में विपरीत अर्थ प्रकट करने या विरोध पूर्ण कथन
प्रकट करने वाले उपवाक्यों के बीच में; जैसे –
जो गालियाँ देते हैं; वह उन्हें अपना प्यार देता है।
गांधी जी नहीं रहे; वह तो अमर हो गये।
4. कारणवाचक क्रिया विशेषण – उपवाक्य का जब मुख्य उपवाक्य से निकट संबंध नहीं
रहता, तब उसके मध्य में; जैसे –
वायु के दबाव से साबुन का एक बुलबुला भी नहीं दब सकता; क्योंकि बाहरी हवा का
दबाव भीतरी हवा के दबाव से कट जाता है।
5. विभिन्न उपवाक्यों पर अधिक जोर देने के लिए –
निरंतर काम करते रहना ही जीवन है; आलस्य घातक रोग है।
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