लोगों की राय

आचार्य श्रीराम शर्मा >> वर्तमान चुनौतियाँ और युवावर्ग

वर्तमान चुनौतियाँ और युवावर्ग

श्रीराम शर्मा आचार्य

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :60
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9848
आईएसबीएन :9781613012772

Like this Hindi book 0

मेरी समस्त भावी आशा उन युवकों में केंद्रित है, जो चरित्रवान हों, बुद्धिमान हों, लोकसेवा हेतु सर्वस्वत्यागी और आज्ञापालक हों, जो मेरे विचारों को क्रियान्वित करने के लिए और इस प्रकार अपने तथा देश के व्यापक कल्याण के हेतु अपने प्राणों का उत्सर्ग कर सकें।

अपने जीवन का लक्ष्य निश्चित करते समय हमें सुभाष गांधी, विवेकानंद, दयानंद, सरदार पटेल, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, राजगुरु, सुखदेव जैसे महान् युवा क्रांतिकारियों से प्रेरणा लेनी चाहिए। एक बार भली-भांति ठोक-बजाकर अपना लक्ष्य निर्धारित कर लें। लक्ष्य जितना ऊँचा होगा, उपलब्धि भी उतनी ही ऊँची होगी। एक बार लक्ष्य के निर्धारित होने पर फिर इसे भूलें नहीं। दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ उस पथ पर बढ़ चलें। मार्ग में अनेक अड़चनें आएँगी, विरोधी भाँति भांति की समस्याएँ उत्पन्न करेंगे, पर यदि आपका संकल्प दृढ़ है तो सारी उलझनें धीरे-धीरे समाप्त हो जाएँगी। धैर्यपूर्वक अपने पथ पर बढ़ते रहें असफलताएँ आएँगी, पुन: प्रयास करें, पुन:-पुन: प्रयास करते रहें, जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाय। 'उत्तिष्ठत् जाग्रत् प्राप्य वरान्निबोधत्'- इसे अपना ध्येय वाक्य बना लें। कठिनाइयों से, असफलताओं से कभी घबराएँ नहीं। जीवन में जितनी अधिक कठिनाइयाँ आती हैं, जितनी समस्याएँ आती हैं, हमारे अंतरमन में उनसे जूझने की क्षमता भी उसी अनुपात में बढ़ती जाती है। यदि हमारा आत्मविश्वास और ईश्वर विश्वास दृढ़ है तो कोई भी अवरोध अधिक समय तक टिक ही नहीं सकता।

*

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book