लोगों की राय

नई पुस्तकें >> मूछोंवाली

मूछोंवाली

मधुकांत

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :149
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 9835
आईएसबीएन :9781613016039

Like this Hindi book 0

‘मूंछोंवाली’ में वर्तमान से तीन दशक पूर्व तथा दो दशक बाद के 50 वर्ष के कालखण्ड में महिलाओं में होने वाले परिवर्तन को प्रतिबिंबित करती हैं ये लघुकथाएं।

82

अर्थबल


‘सुनो...?’

‘कहिए?’ चिनी ने अपने पति बीनू की ओर गर्दन घुमा ली।

‘पिछले वर्ष तुमने अपनी प्रमोशन की बात कहकर बेबी पैदा करने का विचार पोस्टपोन करवा दिया था। अब तो तुम्हारी प्रमोशन भी हो गयी है। अब बताइए क्या ख्याल है’ विनू ने सर्द रात्रि को गरम करना चाहा।

‘एक बात समझ लो, हम दोनों, अपनी-अपनी नौकरी करते हैं। बताओ बच्चे को कौन संभालेगा?’

‘क्रेच में छोड़ देगें...।’

‘फिर तो वह बेबी हमारा नहीं क्रेच का बन जाएगा। सच कहूं मैं तो नौकरी से आने के बाद इतनी थक जाती हूं कि कुछ भी करने की हिम्मत नहीं होती, हां तुम नौकरी छोड़कर घर पर रहने लगो तो विचार किया जा सकता है।’

‘क्या आप भी नौकरी छोड़ने का विचार कर सकती हैं?’

‘नो, मैं कभी भी नौकरी छोड़, घर में बैठकर बच्चे को नहीं संभाल सकती।’ उसने स्पष्ट कह दिया।

‘तो ठीक है मैं विचार करके बताऊगां।’ बीनू पुनः करवट बदलकर सोने का उपक्रम करने लगा।

 

0 0

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai