ई-पुस्तकें >> चमत्कारिक वनस्पतियाँ चमत्कारिक वनस्पतियाँउमेश पाण्डे
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प्रकृति में पाये जाने वाले सैकड़ों वृक्षों में से कुछ वृक्षों को, उनकी दिव्यताओं को, इस पुस्तक में समेटने का प्रयास है
पुदीना
विभिन्न भाषाओं में नाम-
संस्कृत - पूदिन:, रोचनी।
हिन्दी - पुदीना।
बंगला - पुदिना।
मराठी - पुदिना।
गुजराती - फुदीनो।
फारसी - पूदिन, पूदीन।
अरबी - फूतनज, फूदनज।
अँग्रेजी - Japanese peppermint
लैटिन - Mentha arvensis
वनस्पति कुल - तुलसी कुल - Lamiaceae
यह भूमि पर फैलने वाला एक प्रसिद्ध सुगंधित उपयोगी पौधा है। एक पौधा लगा देने से यह भूमिगत शाखाओं द्वारा बढ़ता है। शाखा कोमल और पत्तों से भरी होती है। पत्तियों में डंठल अनुपस्थित होता है तथा ये, आकार में भालाकार से आयताकार तथा आगे नुकीली होती हैं। पत्तों की किनारे दाँतों के समान होती हैं। फूल डण्ठल कोमल होता है, जिसके चारों तरफ फूलों के गुच्छे होते हैं।
समस्त भारतवर्ष में पुदीना की खेती होती है। इन दिनों जापानी मिंट का अधिक उपयोग हो रहा है। इसकी पत्तियों चटनी आदि के काम में ली जाती हैं। ताजा पुदीना गर्मी के दिनों में तरकारी बेचने वालों के यहाँ हमेशा मिलता है। घरेलू खर्च के लिए इसे प्रायः घरेलू बाग में भी लगाते हैं। उपरोक्त दोनों प्रजातियों के अलावा Mentha pipertia L. भी बहुतायत में उगाया जाता है। तीनों प्रजातियों के गुणधर्म कमोबेश एक जैसे हैं। आयुर्वेदानुसार पुदीना कफ-वातनाशक, वेदनाहर, दुर्गन्धनाशक, जन्तुघ्न वनस्पति है। यह दीपन, कृमिघ्न, हृदयोत्तेजक, कफ निस्तारक, मूत्रल, स्वेदक, ज्वरघ्न तथा विषघ्न वनस्पति है।
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